किताब नज्म उस साक़िब से इक़तेबासात (19)
आइये ज़माने के इमाम के मुताल्लिक़ जानें
किताब: नज्म उस साक़िब
मुसन्निफ़: मोहद्दिस ए नूरी (अ.र.)
बाब-5 (पहला हिस्सा)
इस बात का साबित होना कि हज़रत हुज्जत इब्निल हसन असकरी (अ.स.) ही महदी ए मौऊद हैं
इस बाब में जनाबे मोहद्दिस ए नूरी (अ.र.) 71 रिवायात अहले सुन्नत हवालों से और 40 रिवायात शिया हवालों से पेश करते हैं, जो यह साबित करती हैं कि हज़रत हुज्जत इब्निल हसन असकरी (अ.स.) ही महदी ए मौऊद हैं
अहले सुन्नत हवालों को पेश करते हुए आप ने उन रिवायात पर तवज्जोह मरकूज़ की है जिन में तमाम 12 आइम्मह (अ.स.) का उनके नाम के साथ तज़किरा हुआ है.
शिया हवालों को पेश करते हुए आप ऐतराफ़ करते हैं कि उनकी तादाद इतनी ज़्यादा है कि उनका शुमार करना मुश्किल है, आप शिया रिवायात के बड़े अहम ज़रिये के तौर पर बड़ी ख़ुसूसियत के साथ अल्लामा मजलीसी (अ.र.) की किताब बिहार अल-अनवार का ज़िक्र करते हैं. वह 40 रिवायात जो आपने पेश की हैं, अल्लामा मजलीसी (अ.र.) ने किताब बिहार अल-अनवार में उनका तज़किरा नहीं किया है.
हम अपने इक़्तिबासात में 71 में से सिर्फ़ 5 का तज़किरा करेंगे।.
आज हम मन्दरजा ज़ेल वह रिवायत पेश कर रहे हैं, जो अहले सुन्नत हवालों में चौथी है. यह रिवायत रोज़ ए क़ियामत 12 आइम्मह (अ.स.) में से हर एक के किरदार को बयान करती है
रसूलुल्लाह (स.अ.व.आ.) इमाम अली (अ.स.) से इरशाद फ़रमाते हैं:
मैं हौज़ ए कौसर पर आपसे आपसे पहले पहुँच जाऊँगा, और आप या अली! वह हैं जो लोगों को आब ए कौसर से सेराब करेंगे, और हसन उनको हौज़ से दूर करेंगे जो उस से सेराब होने के हक़दार नहीं हैं, हुसैन हुक्म सादिर करेंगे, अली इब्निल हुसैन आगे जा कर ज़रुरतमंदों को ले कर आयेंगे, और मोहम्मद इब्ने अली लोगों को जमा करने वाले हैं, जो लोगों को उनकी क़ब्रों से उठायेंगे, और जाफ़र इब्ने मोहम्मद वह हैं जो उनको ले कर आयेंगे, और मूसा इब्ने जाफ़र मोमेनीन को और दुश्मनों को शुमार करने वाले होंगे, और वह मुनाफ़िक़ों को बाँध देंगे, और अली इब्ने मूसा रज़ा मोमेनीन को मुज़ैय्यन करेंगे और मोहम्मद इब्ने अली अहले जन्नत को मक़ामात तक़सीम करेंगे, अली इब्ने मोहम्मद शियों के मुक़र्रिर होंगे उनका अक़्द हूर उल-ईन से कराने वाले होंगे, और हसन इब्ने अली अहले जन्नत के लिए चिराग़ हैं, जिन के नूर से वह मुनव्वर होंगे, और महदी रोज़-ए महशर उनके लिए शाफ़ेअ होंगे ,
हमारे तमाम आइम्मह (अ.स.) पर अल्लाह की बराकात और सलवात हो और ख़ुदा वंद ए मुतआल हमारा भी शुमार उन में करे जो हज़रत महदी (अ.त.फ़.श.) की शफ़ाअत हासिल करने वाले हैं.