किताब नज्म उस साक़िब से इक़तेबासात (5)
आइये ज़माने के इमाम के मुताल्लिक़ जानें
बाब-2 (हिस्सा अव्वल)
मोहद्दिस ए नूरी (अ.र.) ने इस बाब में हज़रत महदी (अ.त.फ़.श.) के 182 असमा (नाम) और अलक़ाब का ज़िक्र किया है, उन सब का यहाँ तज़किरा करने की गुंजाईश नहीं है और हम आने हफ्तों में उन में से सिर्फ़ 12 को यहाँ बयान करेंगे
1) *ताईद (التاييد)*
यह नाम उस की तरफ़ इशारा करता है जो ताक़त और क़ूवत अता करता है, अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) से रिवायत है कि इमाम महदी (अ.त.फ़.श.) लोगों के सरों पर हाथ फेरेंगे और कोई भी मोमिन ऐसा बाक़ी नहीं रहेगा सिवाये इसके कि उसका क़ल्ब फ़ौलाद के पहाड़ की तरह मज़बूत हो जाएगा, और अल्लाह अज़्ज़ व जल्ल उन में से हर एक को 40 अफ़राद की क़ूवत अता करेगा।
2) *जाबेर (جابر)*
जाबेर वह है, जो इस्लाह करता है, यह लक़ब इमाम की एक फ़ज़ीलत है, क्योंकि वह राहत देंगे, तमाम उमूर की इस्लाह करेंगे, टूटे हुए दिलों को तसल्ली देंगे, और मुर्दा दिलों को ज़िंदा करेंगे, वह तमाम क़ैद में रहने वालों को मग़मूम अफ़राद को रिहाई अता करेंगे। उनके वुजूद ए मुक़द्दस के ज़रिये सारे दाएमी अमराज़ की शिफ़ा है
3. *अल-ख़लफ़ (الخلف)*
ख़लफ़ से मुराद तमाम अम्बिया और औलिया का जानशीन है, वह उनके तमाम उलूम, सिफ़ात और मख़सूस फ़ज़ीलतों के मालिक हैं, जो उन में से हर एक को दुसरे से विरासत में हासिल होती हैं, वह तमाम सिफ़ात बिलआख़िर उनमें जमा होने वाली हैं
इमाम अली रज़ा (अ.स.) से रिवायत है कि आप ने फ़रमाया: ख़लफ़ ए सालेह अबू मोहम्मद हसन इब्ने अली (अ.स.) के फ़रज़न्द हैं, वह वली उल-अस्र हैं, और वह महदी अ.त.फ़.श.) हैं