किताब नज्म उस साक़िब से इक़तेबासात (6)
आइये ज़माने के इमाम के मुताल्लिक़ जानें
बाब-2 (हिस्सा दो)
इमाम महदी (अ.त.फ़.श.) के असमा (नाम), अलक़ाब और कुनीयत और उनकी वुजूहात
हम इमाम महदी (अ.त.फ़.श.) के इस बाब में मज़कूरा 182 में से 12 अलक़ाब का तआरुफ़ जारी रखते हैं।
4. अश-शरीद (الشريد)
इमाम महदी (अ.त.फ़.श.) को मासूमीन (अ.स.) ने मुतावातिर तौर पर इस लक़ब के साथ याद किया है, ख़ुसूसन अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) और इमाम बाक़िर (अ.स.) ने,
अश-शरीद का मतलब वो शख़्स जिसको फ़रामोश कर दिया जाये, या’नी लोग ना उसे पहचाने, और ना उसकी नेमत की क़द्र को समझें, ना उसकी मौजूदगी का शुक्र करें और ना ही उसके हुक़ूक़ को पूरा करें।
5. अत-तरीद (الطريد)
इसका भी इमाम के लक़ब के तौर पर बार बार ज़िक्र हुआ है, और मतलब तक़रीबन अश-शरीद जैसा ही है
6. (अल-फ़त्ह الفتح)
फ़त्ह या’नी जीत
यह लफ़्ज़ सूरह नस्र की पहली आयत और सूरह सफ्फ़ की तेरहवीं आयत में आया है, इन दोनों आयात में इस से मुराद हज़रत। महदी (अ.त.फ़.श.) का ज़ुहूर है।