किताब नज्म उस साक़िब से इक़तेबासात (9)
आइये ज़माने के इमाम के मुताल्लिक़ जानें
किताब: नज्म उस साक़िब
मुसन्निफ़: मोहद्दिस ए नूरी (अ.र.)
बाब-3 (पहला हिस्सा)
इमाम ए ज़माना (अ.त.फ़.श.) के कुछ इम्तियाज़ी सिफ़ात
इस बाब के पहले हिस्से में इमाम महदी (अ.त.फ़.श.) की चंद जिस्मानी ख़ुसूसियात का तज़किरा किया गया है
किताब कमाल अल-दीन में शेख़ सदूक़ (अ.र.) ने रसूलुल्लाह (स.अ.अ.व.) से रिवायत की है कि आप ने फ़रमाया:
महदी की साख़्त और आदाब मुझ से सबसे ज़्यादा मुशाबेह हैं
एक दूसरी रिवायत में आप (स.अ.अ.व.) ने इरशाद फ़रमाया:
उन (अ.त.फ़.श.) की जिस्मानी सूरत मेरे जैसी है.
रसूलुल्लाह (स.अ.अ.व.) की एक और रिवायत में मिलता है कि
‘उनके रुख़सार चमकते हुए चाँद की तरह हैं, उनके जिस्म पर दरख़शायी (नूरानी) लिबास है.
शेख़ तूसी (अ.र.) की रिवायत में अली इब्न महज़ियार का बयान है कि
“उनका रंग गन्दुमी, दरमियाना क़द, गोल सर, चौड़ी पेशानी, भवें मिली हुयी, नुमायां नाक, भरे हुए रुख़सार, दाएं रुख़सार पर एक तिल, जो देखने में अम्बर पर रखे हुए मुश्क के एक दाने की तरह था”
रसूलुल्लाह (स.अ.अ.व.) के मुताबिक़,
उनका चेहरा दीनार के सिक्के की तरह, बिलकुल बेदाग़ है, उनके दाएं रुख़सार पर एक तिल है, जो एक दरख़्शां सितारे की तरह लगता है
इमाम अली (अ .स.) की रिवायत के मुताबिक़:
उनके दांत फ़ासले पर हैं, अच्छे बाल हैं, जो आप के कन्धों पर लहराते हैं.
इमाम अली रज़ा (अ .स.) की रिवायत के मुताबिक़: इमाम महदी (अ.त.फ़.श.) आसमानी लिबास और एक इलाही दरख़शायी अबा पहने हुए होंगे, जो इलाही रहमानियत के नूर की किरनों से मुनव्वर हैं.
मज़ीद यह भी दर्ज हुआ है कि आप इन्तेहाई हसीन और जमील हैं, और ऐसी दरख़शन्दगी और नूरानीयत के साथ कि उन की तरफ़ नज़र करने वाला हैरत-ज़दा हो जाएगा,
इसके अलावा, आपकी ऐसी ख़ुश-गवार जिस्मानी साख़्त और दरमियाना क़द होगा, कि किसी और के पास ऐसा जमाल न होगा
हम अल्लाह (सुब्हानहु व तआला) से दुआगो हैं कि हम को उनके वुजूद-ए मुक़द्दस-ए नूरानी की ज़ियारत की तौफ़ीक़ हासिल हो